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जवाहर अबताबची
जवाहर अबताबी, सम्राट हुमायूँ का निजी जल वाहक। उनकी पुस्तक ताजकिरतन वक़ियात में उस समय के राज्यहरा हुमायूँ के कुछ दुखद चित्रण हैं।
यात्रा दोपहर के समय शुरू हुई। कारवां को दिन के शेष दो घंटे, रात के चार घंटे और अगले दिन के तीन घंटे तक जारी रखना था। रास्ते में कहीं भी पानी नहीं मिला। समूह के लोग पानी की कमी के कारण मर गए। दिन की एक ही घड़ी बची थी। लोग परेशान होने लगे और चारों तरफ पानी की तलाश करने लगे। इस बार एक ओएसिस को स्पॉट किया गया। पानी से भरा एक तालाब था।
पानी की कमी के कारण उस दिन कई लोग मर गए। जवाहर अबताबी के अनुसार, उन्हें वहीं दफनाया गया था।
कैंब्रिज हिस्ट्री ऑफ इंडिया की किताब बताती है कि इस रेगिस्तान की यात्रा पर पानी की कमी के कारण सम्राट की पार्टी के कई लोगों की मृत्यु हो गई।